हर जन प्रदर्शन का अंत गोली से मौत
यह प्रजातंत्र पर है कलंक
भले ही प्रशासन मौन रहे
पर सामने है प्रश्न अनंत
लाठी और जूतो
से पिटाई
क्या किसी ने उन्हे
मानवता नही सिखाई
ये अंग्रेजो की पुलिस तो नही
जो फैला रही है आतंक
हर जन प्रदर्शन का अंत गोली से मौत
यह प्रजातंत्र पर है कलंक
भले ही प्रशासन मौन रहे
पर सामने है प्रश्न अनंत
नेता और आक्रोशित जनता के बीच
पुलिस क्यो बनती दीवार
एक बार हट कर देख ले
आ जायेगा बडा सुधार
तभी मिलेंगे उसे जनता से पूरे अंक
हर जन प्रदर्शन का अंत गोली से मौत
यह प्रजातंत्र पर है कलंक
भले ही प्रशासन मौन रहे
पर सामने है प्रश्न अनंत
चन्द रुपये का मुआवजा देते
नेता यदि एक बार
इतने मुआवजे पर ही
जान देने को हो जाये तैयार
तो अग्रिम भुगतान कर
मिटा देंगे समाज से ये पंक
हर जन प्रदर्शन का अंत गोली से मौत
यह प्रजातंत्र पर है कलंक
भले ही प्रशासन मौन रहे
पर सामने है प्रश्न अनंत
पंकज अवधिया ‘दर्द हिन्दुस्तानी’
4 comments:
आपाको इतने गंभीर प्रश्न की इतनी सुन्दर व्याख्या करनें और सामाधान के लिये बधाई देता हूँ।
नेता और आक्रोशित जनता के बीच
पुलिस क्यो बनती दीवार
एक बार हट कर देख ले
आ जायेगा बडा सुधार
*** राजीव रंजन प्रसाद
सुन्दरता से मुद्दा उठाया है, बधाई!!
बहुत सहजता से गंभीर विषय को लिया और उसके साथ न्याय किया है…।
Pankaj bhai,
swagat.
aapakee saaree kavitaaye^ ek baar meM hee PaDh gayaa.
pasand aaee.
sochane par majboor karde wahee hai sundar rachanaa.
bahut bahut badHaaee.
arvind chaturvedi
http://bhaarateeyam.blogspot.com
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