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Monday, June 29, 2009

हमने तो लिखा था पर यह तो सुनायी भी दे रहा है---

हमने तो लिखा था पर यह तो सुनायी भी दे रहा है---
- पंकज अवधिया


बडे दिनो बाद Goggle Knol मे जाना हुआ है। अपने लिखे पहले Knol मे गये तो वहाँ पोंगे का निशान दिखा। क्लिक किया तो कोई महाश्य Knol को पढकर सुनाने लगे। इस तकनीक से मै अभिभूत हूँ। यह किसने किया? उसमे तो किसी नाम का जिक्र नही दिखता है? अभी तो ये महाश्य अंग्रेजी मे बोलते है, क्या ये हिन्दी मे भी ऐसे ही बोल सकते है? यदि ऐसा हुआ तो मै उन लोगो तक अपनी बात सरलता से पहुँचा पाऊँगा जो पढ नही सकते है पर सुनकर अच्छी तरह समझ सकते है। ये रहा Knol का लिंक। इसमे सुनने वाले पोंगे पर क्लिक करे।

http://knol.google.com/k/pankaj-oudhia/emergency-herbs-used-by-the-traditional/3nerdtj3s9l79/2#