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Friday, August 24, 2007

बहुत गिना ली समस्याए हमने

बहुत गिना ली समस्याए हमने
चलो अब उन्हे सुलझाने की भी सोचे
खुद सुधरे समाज को सुधारे और
नयी समस्याओ को जन्मने से रोके

कहने को तो सम्वाद के माध्यम बढ गये
फिर हम क्यो अपनो से दूर हो रहे
पास-पास रह कर भी
अपनी-अपनी दुनिया बना, खो रहे

नही सम्भाल पायेंगे सबको
यूँ अकेले हो के
बहुत गिना ली समस्याए हमने
चलो अब उन्हे सुलझाने की भी सोचे
खुद सुधरे समाज को सुधारे और
नयी समस्याओ को जन्मने से रोके

किसानो की आत्महत्या से आरम्भ करे
फिर भ्रष्टाचार पर कसे नकेल
गाजर घास को भी न छोडे
हिंसा प्रेमियो को गर्त मे दे ढकेल

तब तक चिडिया न चुग जाये खेत
जब तक हम जागे सो के
बहुत गिना ली समस्याए हमने
चलो अब उन्हे सुलझाने की भी सोचे
खुद सुधरे समाज को सुधारे और
नयी समस्याओ को जन्मने से रोके

बन्द करे केवल कोसना और फिर कोसना
बार-बार कोसना
अरे समस्याओ का हल हमे ही
है खोजना

गुटबाजी से नही है, सुझाये समाधान
मन मे सच्ची भारतीयता के बीज बो के
बहुत गिना ली समस्याए हमने
चलो अब उन्हे सुलझाने की भी सोचे
खुद सुधरे समाज को सुधारे और
नयी समस्याओ को जन्मने से रोके

पंकज अवधिया ‘दर्द हिन्दुस्तानी’

(c) सर्वाधिकार सुरक्षित

Thursday, July 5, 2007

गाजर घास और भ्रष्टाचार

गाजर घास और भ्रष्टाचार दोनो ही का
हो रहा है निर्बाध फैलाव
जैसे शरीर मे फैलता है
कोई पुराना घाव

माना कि गाजर घास
पराई है
विदेश से भारत
आई है

पर भ्रष्टाचार तो
हमारी ही देन है
और लम्बे समय से छीन
रहा चैन है

दोनो ही से ना जाने क्यो
योजनाकारो को है लगाव
गाजर घास और भ्रष्टाचार दोनो ही का
हो रहा है निर्बाध फैलाव
जैसे शरीर मे फैलता है
कोई पुराना घाव

दोनो ही से लडाई मे
हमने अब तक मुँह की खाई है
बहुत मेहनत के अलावा
पूँजी भी गँवाई है

अब दोनो के समूल नाश की है जरुरत
चाहे लगाना पडे कैसा भी दाँव
गाजर घास और भ्रष्टाचार दोनो ही का
हो रहा है निर्बाध फैलाव
जैसे शरीर मे फैलता है
कोई पुराना घाव

पंकज अवधिया ‘दर्द हिन्दुस्तानी’

गाजर घास (पार्थेनियम) आयातित गेहूँ के साथ आया विदेशी खरपतवार है और मनुष्यो, फसलो और पशुओ सभी के लिये अभिशाप है। इसके विषय मे विस्तार के लिये देखे
http://www.iprng.org

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