Friday, June 29, 2007

किसी किसान को राष्ट्रपति बनाये

चलो हिम्मत कर
एक स्वप्न सजाए
विदर्भ मे आत्महत्या की तैयारी करते
किसी किसान को राष्ट्रपति बनाये

देश के सत्ताधीश किसानो के लिये
कुछ नही कर पा रहे है
उल्टे उपजाऊ जमीन पर
उद्योग लगवा रहे है

सम्भव है किसान राष्ट्रपति ही कोई
सशक्त राह दिखाये
चलो हिम्मत कर
एक स्वप्न सजाए
विदर्भ मे आत्महत्या की तैयारी करते
किसी किसान को राष्ट्रपति बनाये

जानता हूँ शायद कभी ही
यह स्वप्न साकार हो पाये
हम निद्रा से जागे, इससे अच्छा तो
नेताओ को जगाये

चलो अबकी बार ऐसे नेता चुने
जो किसान को देश की बागडोर थमाए
चलो हिम्मत कर
एक स्वप्न सजाए
विदर्भ मे आत्महत्या की तैयारी करते
किसी किसान को राष्ट्रपति बनाये

पंकज अवधिया ‘दर्द हिन्दुस्तानी’

2 comments:

Sanjay Tiwari said...

मेरे ब्लाग पर घूरहू भी कुछ सुझाव दे रहे हैं.

Manas Path said...

किसानों के लिए दिल्ली अभी दूर है भाई. पूंजीपतियों से बचे तब न किसान?

अतुल