चलो हिम्मत कर
एक स्वप्न सजाए
विदर्भ मे आत्महत्या की तैयारी करते
किसी किसान को राष्ट्रपति बनाये
देश के सत्ताधीश किसानो के लिये
कुछ नही कर पा रहे है
उल्टे उपजाऊ जमीन पर
उद्योग लगवा रहे है
सम्भव है किसान राष्ट्रपति ही कोई
सशक्त राह दिखाये
चलो हिम्मत कर
एक स्वप्न सजाए
विदर्भ मे आत्महत्या की तैयारी करते
किसी किसान को राष्ट्रपति बनाये
जानता हूँ शायद कभी ही
यह स्वप्न साकार हो पाये
हम निद्रा से जागे, इससे अच्छा तो
नेताओ को जगाये
चलो अबकी बार ऐसे नेता चुने
जो किसान को देश की बागडोर थमाए
चलो हिम्मत कर
एक स्वप्न सजाए
विदर्भ मे आत्महत्या की तैयारी करते
किसी किसान को राष्ट्रपति बनाये
पंकज अवधिया ‘दर्द हिन्दुस्तानी’
2 comments:
मेरे ब्लाग पर घूरहू भी कुछ सुझाव दे रहे हैं.
किसानों के लिए दिल्ली अभी दूर है भाई. पूंजीपतियों से बचे तब न किसान?
अतुल
Post a Comment