Sunday, May 31, 2009

आगे से पतंग की तरह, पीछे से मछली की तरह. एक और अनोखा जीव


19 जून, 2008 को रायपुर से प्रकाशित होने वाले दैनिक छत्तीसगढ की ओर से यह चित्र मुझे भेजा गया इसके विषय मे जानने के लिये। मैने तो उन्हे जवाब भेज दिया जिसे उन्होने अपने अखबार मे प्रकाशित कर दिया।


आप यदि इस विषय मे जानते हो तो बताये।


मैने ये जानकारी भेजी।

इस कीट का वैज्ञानिक नाम एक्टीयस सेलेन है। यह व्यस्क नर का चित्र है। इसे सामान्य भाषा मे लूना मोथ या एशियन मून मोथ कहा जाता है। इसका हिन्दी नाम चन्द्र कीट भी है। इसकी इल्ली बहुत सी आर्थिक महत्व की वनस्पतियो को नुकसान पहुँचाती है। हिमाचल मे पापुलर के पेड को यह नुकसान पहुँचाती पायी गयी है। जैव-विविधता से परिपूर्ण पश्चिमी घाट मे भी इसे देखा गया है। कीटो से पारम्परिक औषधि के निर्माण और उपयोग मे जुटे पारम्परिक चिकित्सक इस कीट की विभिन्न अवस्थाओ का प्रयोग करते है।

© सर्वाधिकार सुरक्षित

चित्र का सर्वाधिकार दैनिक छत्तीसगढ के पास है।

ये कौन चित्रकार है? एक और अद्भुत जीव


13 जुलाई, 2008 को रायपुर से प्रकाशित होने वाले दैनिक छत्तीसगढ की ओर से यह चित्र मुझे भेजा गया इसके विषय मे जानने के लिये। मैने तो उन्हे जवाब भेज दिया जिसे उन्होने अपने अखबार मे प्रकाशित कर दिया।


आप यदि इस विषय मे जानते हो तो बताये।


मैने ये जानकारी भेजी।


"यह एटलस मोथ है जिसका वैज्ञानिक नाम एट्टाकस एटलस है। इसे विश्व का सबसे बडा मोथ कीट माना जाता है जिसके पंखो का पृष्ठ क्षेत्र 65 वर्ग इंच होता है। पंखो का फैलाव 10-12 इंच का होता है। भारत मे गैर-व्यवसायिक स्तर पर इसे पाला जाता है रेशम के लिये। इससे प्राप्त रेशम को फगारा रेशम कहा जाता है। इससे रेशम टूटे रेशो के रुप मे निकलता है। यह टिकाऊ होता है। ताइवान मे इसके कोकून का प्रयोग पर्स के रुप मे होता है। इसकी मादा एक विशेष प्रकार की गन्ध उत्सर्जित करती है जिसकी गन्ध से नर मीलो दूरी से खीचे चले आते है। नर तक गन्ध पहुँचे इसलिये वे ऐसी शाखाओ मे बैठती है जहाँ हवा तेज गति से बह रही होती है।"


© सर्वाधिकार सुरक्षित

Saturday, May 30, 2009

यह रही उस अजीबोगरीब जीव के बारे मे जानकारी

कल की पोस्ट मे दिख रहे अजीबोगरीब जीव के बारे मे तकनीकी जानकारी यह रही

"यह बेलास्टोमेटिड नर कीट है जो कि मादा द्वारा दिये गये अंडो को अपनी पीठ पर रखे हुये है। इन अंडो की देखरेख नर ही करेगा और मादा इसमे सहयोग करेगी। चित्र मे कीट के अग्र भाग पर जो छोटे लाल मकोडे दिख रहे है वे परजीवी है, नर के लिये भी और अंडो के लिये भी। "

Friday, May 29, 2009

क्या आपने ऐसा अजीबोगरीब जीव देखा है पहले?


16 सितम्बर, 2008 को रायपुर से प्रकाशित होने वाले दैनिक छत्तीसगढ की ओर से यह चित्र मुझे भेजा गया इसके विषय मे जानने के लिये। मैने तो उन्हे जवाब भेज दिया जिसे उन्होने अपने अखबार मे प्रकाशित कर दिया। आपको जवाब बताने से पहले मै आपके विचार भी जान लूँ।

Thursday, May 21, 2009

मुक्तांगन मे द्विवेदी जी और पाबला जी के सुपुत्र








(सभी चित्र: पंकज अवधिया)

आप भी पधारे छत्तीसगढ। हम ले चलेंगे आपको भी ऐसी अनगिनत जगहे।