Saturday, June 16, 2007

कौन प्राणी और कौन निष्प्राण

फिर सुना है कि
गली के कुछ कुत्ते
नवजात शिशु को खा गये
और जब हत्यारो को मारना चाहा
तो ‘कुछ लोग’ इन्हे बचाने आ गये

ऐसी खबरो से मन है विचलित
मानव मानव को ना समझे
मन है व्यथित

इन खबरो पर सारा समाज
मौन है
यह जानकर भी कि ये ‘कुछ लोग’
कौन है

आज के युग मे यह मौन स्वीकृति
करे चकित
ऐसी खबरो से मन है विचलित
मानव मानव को ना समझे
मन है व्यथित

यह भी सुना है
छ्त्तीसगढ मे कुत्ते हिरणो
को खा रहे है
उनके कारण बन्दर वनो मे
चैन से पानी नही पी पा रहे है

क्या कुत्ते ही प्राणी है
और बन्दर, हिरण, इंसान प्राण रहित
ऐसी खबरो से मन है विचलित
मानव मानव को ना समझे
मन है व्यथित

पंकज अवधिया ‘दर्द हिन्दुस्तानी’

2 comments:

Divine India said...

भाई क्या संवेदित रचना रचे हो लगता है आज के नारद परिछाया पर भी टिप्पणी किये हो…
तुम्हारा अंदाज बहुत जंचा…।बधाई!

राजीव रंजन प्रसाद said...

और जब हत्यारो को मारना चाहा
तो ‘कुछ लोग’ इन्हे बचाने आ गये

व्यथित कर दिया आपने। ताकतवर रचना है...

*** राजीव रंजन प्रसाद