गज बन्धा आलान से
तलवार बन्धी म्यान से
लालची मोह से बन्धा
साधु बन्धे ध्यान से
गायक बन्धा गान से
विद्या बन्धी विद्वान से
बुरा बुराई से बन्धा
गुणी बन्धा सम्मान से
दानी बन्धा दान से
अहंकारी बन्धा अपमान से
सुन्दरी बन्धी श्रुंगार से
राजा बन्धा शान से
शराबी बन्धा मदिरापान से
आत्मा बन्धी इंसान से
इंसान बन्धा किससे?
इन्सान बन्धा भगवान से
पंकज अवधिया ‘दर्द हिन्दुस्तानी’
© सर्वाधिकार सुरक्षित
2 comments:
बहुत खूब , एक पंक्ति हमें सूझ रही है - ब्लॉगर बन्धा ब्लॉग जगत से । एक बार नाता जुड़ता है तो फिर टूटना सम्भव नहीं लगता ।
काम की बात - गुणी बन्धा सम्मान से!
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