Friday, February 15, 2008

हिन्दी ब्लागर पर कानूनी कार्यवाही अब दूर नही

http://maeriawaaj.blogspot.com/2008/02/blog-post_15.html

इस क़डी मे मैने अपने नाम और दूसरे ब्लाग मे भेजी गयी टिप्पणी की चोरी देखी। मैने गूगल को एब्यूज की शिकायत दर्ज करायी है। मेरे लीगल एडवाइजर शायद कल सुबह कानूनी नोटिस भेजे। मुझे आशा है गूगल इस शिकायत पर कार्यवाही करेगा। मुझे लगा कि इस प्रगति की सूचना आप सभी को देनी चाहिये।

12 comments:

Udan Tashtari said...

उपर दिया लिंक नहीं खुल रहा.

Jitendra Chaudhary said...

बहुत अच्छा कदम। आपका यह कदम मील का पत्थर साबित होगा।

हमे अपनी बौद्दिक सम्पदा के प्रति सजग होना ही पड़ेगा। अपने लेखों की चोरी को रोकने के प्रति सजग रहे।

Jitendra Chaudhary said...

बहुत अच्छा कदम। आपका यह कदम मील का पत्थर साबित होगा।

हमे अपनी बौद्दिक सम्पदा के प्रति सजग होना ही पड़ेगा। अपने लेखों की चोरी को रोकने के प्रति सजग रहे।

राजीव तनेजा said...

आपका दिया लिंक तो खुल ही नहीं रहा है बन्धुवर... :-(

मसिजीवी said...
This comment has been removed by the author.
मसिजीवी said...
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Pankaj Oudhia said...

मसीजीवी जी, ये बेगानी शादी मे अब्दुल्ला दीवाना, जैसे आप कहाँ से आ गये सफाई देने। क्या यह ब्लाग आपका है?

Pankaj Oudhia said...

समीर जी आप सही कह रहे है। यह लिंक खुल नही रहा है। पता नही कैसे? शायद ब्लाग वाले ने ही यह किया हो? पर जब हमने अपने सलाहकार को प्रिंट दिया था तब यह दिख रही थी। गूगल के पास भी इसका रिकार्ड होगा।

मसिजीवी said...

नहीं पंकजजी ये मेरा ब्लॉग नहीं है उलटे इस ब्‍लॉग पर पहले हमें संकेत कर इसी तरह की पोस्‍टें छपीं थीं पर वो अलहदा बात है।
कानूनी कार्यवाही की बात इन छोटी खिचपिच से ज्‍यादा गंभीर मसला है। यूँ भी अभिव्‍यकित की आजादी के मामले में कई बेगानी शादियों में दीवाने होने का हमारा 'इतिहास' है :))

बात इसलिए भी कि चिट्ठाचर्चा (जिसके हम जीतू भाई, समीरजी आदि सदस्य हैं, निष्क्रिय ही सही) जैसे कई और ब्लॉग आपकी इस कार्यवाही की 'योग्यता' रखते हैं।

आपको मेरे लिखने से बुरा लगा है तो आप इसे मिटा दें

Pankaj Oudhia said...

आप सही कह रहे है। कोई टिप्पणीकार नामक ब्लाग लिखता है वो भी इशारो मे बात कहता है। वो एक बार ठीक है पर नाम के शीर्षक से पोस्ट छापना गलत है। आपके अलावा बहुत से लोगो के विषय मे मैने इस ब्लाग पर बाते देखी है। अब तो कल सुबह ही सलाहकार से सम्पर्क हो पायेगा। देखिये क्या होता है? उन्होने पहले किसी अंग्रेजी ब्लाग को बन्द करवाया है। उनका कहना है कि यह मामला ज्यादा आसान है। ब्लाग वाले ने इसे छापने से पहले पूछ तो लिया होता। या छापने के बाद खेद प्रक़ट कर दिया होता।

आप परेशान न हो। देखते क्या होता है।

Gyan Dutt Pandey said...

कुछ कुछ समझ आ रहा है!

काकेश said...

यह तो अब ब्लॉग ही गायब है. आपको स्क्रीनसॉट लेके लगाने चाहिये थे. ताकि पता तो चलता कि माजरा क्या है.