Thursday, July 19, 2007

पता नही समुद्र कब भेज दे सुनामी को

कितनी जल्दी हम भूल जाते है
अपनी खामी को
बेफिक्र है पर पता नही समुद्र
कब भेज दे सुनामी को

आपदा पर हमारा नियंत्रण नही
पर तैयारी तो जरुरी है
आग लगने पर ही कुआँ खोदने की
क्या मजबूरी है

गल्तियो से सबक लेना चाहिये
हर प्राणी को
कितनी जल्दी हम भूल जाते है
अपनी खामी को
बेफिक्र है पर पता नही समुद्र
कब भेज दे सुनामी को

क्यो ना सफल सुरक्षा के गुर
स्कूल मे ही बता दिये जाये
ताकि बचाव दल के आते तक
कई जाने बच पाये

जो भी करे जल्दी करे और छोडे
आलस और नादानी को
कितनी जल्दी हम भूल जाते है
अपनी खामी को
बेफिक्र है पर पता नही समुद्र
कब भेज दे सुनामी को

पंकज अवधिया ‘दर्द हिन्दुस्तानी’

(c) सर्वाधिकार सुरक्षित

7 comments:

Udan Tashtari said...

पंकज भाई

आपकी चिन्ता जायज है और प्रश्न भी. कभी हमने भगवान से प्रश्न कर लिया था जब पिछला सुनामी भारत पर कहर बरपा गया था, देखें:

http://www.hindinest.com/kavita/2003/082.htm

36solutions said...

पंकज भईया, सहीं भाव व्‍यक्‍त किये हैं देश को सोंचना चाहिए ।

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया रचना है।कविता के जरिए उठाए सवालों कि ओर ध्यान देना सच मे जरूरी है।बहुत सही कहा है-
आपदा पर हमारा नियंत्रण नही
पर तैयारी तो जरुरी है
आग लगने पर ही कुआँ खोदने की
क्या मजबूरी है

Pankaj Oudhia said...

समीर जी लिंक मे कौन सा फांट है। पढते नही बन रहा है। मार्गदर्शन करे।

Divine India said...

सत्य चरितार्थ किया है और जायज है आपकी चिंता…।

Udan Tashtari said...

भाई मेरे लिंक अंग्रेजी मे है:

http://www.hindinest.com/kavita/2003/082.htm


या यहाँ क्लिक करें.
click here

Pankaj Oudhia said...

अब ठीक है। अच्छी रचना है।

अभी सीख रहा हूँ। फिर अपने ब्रलाग से लिंक भी दूँगा।