जिन वृक्षो से जुडे है
भूत या भगवान
वो अब भी है सघन आबादी मे
विराजमान
क्यो ना भूत और भगवान से
हर वृक्ष को जोड दे
हो सकता है इससे ही लोग
इन्हे काटना छोड दे
भय ही शायद रोक
पायेगा इंसान को
और बचा पायेगा वृक्षो की
जान को
धरती को बचाने अन्ध-विश्वास की चादर
ओढ ले
क्यो ना भूत और भगवान से
हर वृक्ष को जोड दे
हो सकता है इससे ही लोग
इन्हे काटना छोड दे
चलो अब हर वृक्ष पर
एक कथा लिखे
जिससे वह भूत से लेकर
भविष्य तक जुडा दिखे
जग हित मे पर्यावरण संरक्षण को
एक नया मोड दे
क्यो ना भूत और भगवान से
हर वृक्ष को जोड दे
हो सकता है इससे ही लोग
इन्हे काटना छोड दे
पंकज अवधिया ‘दर्द हिन्दुस्तानी’
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