Tuesday, July 14, 2009

हिन्दी ब्लाग जगत की वे बेहतरीन रचनाएँ जिन्होने मुझे प्रभावित किया-7

हिन्दी ब्लाग जगत की वे बेहतरीन रचनाएँ जिन्होने मुझे प्रभावित किया-7
- पंकज अवधिया

जो सुकूं गाँव के मकान में है


21 सितम्बर, 2007 को माननीय नीरज गोस्वामी जी के ब्लाग “नीरज” के माध्यम से की गयी इस प्रस्तुति मे सहजता भी है और गहरायी भी। नीरज जी को मै लगातार पढता रहा हूँ। उनकी सभी बेहतरीन रचनाओ मे से एक को चुनना बडा ही मुश्किल काम है।

इस प्रस्तुति मे वे लिखते है-

वो ना महलों की ऊंची शान में है
जो सुकूं गांव के मकान में है

लूटा उसने ही सारी फसलों को
हमने समझा जिसे मचान में है

http://ngoswami.blogspot.com/2007/09/blog-post_21.html

भूमिका: हिन्दी ब्लाग परिवार मे शामिल होने के बाद मैने अनगिनत चिठ्ठे पढे और इनमे प्रकाशित विचारो/लेखो/निबन्धो/कहानियो ने मेरे जीवन को बहुत प्रभावित किया। यह मेरा कर्तव्य है कि मै फिर इन खूबसूरत मोतियो को आपके सामने प्रस्तुत करुँ ताकि आप हिन्दी ब्लागरो के अविस्मरणीय योगदान को एक बार फिर से जान सके।

9 comments:

डॉ. मनोज मिश्र said...

सत्य लिखा है.

रंजना said...

आपकी पसंद सचमुच काबिले दाद है....जितने भी नाम आपने गिनाये,वे सभी उल्लेखनीय हैं.....माता सरस्वती की उनपर असीम कृपा है....शायद ही कोई होगा जो इनके लेखन को नापसंद कर सकें

ओम आर्य said...

BEHATARIN RACHANA ..........SHIKRIYA

Gyan Dutt Pandey said...

नीरज जी की यह पोस्ट मुझे भी बहुत अच्छी लगी थी।

Udan Tashtari said...

नीरज जी की तो हर अदा निराली है..

sushant jha said...

बहुत उम्दा...लेकिन मैं एक बार इस ब्लाग पर रोज आता हूं कि कहीं मेरे भी किसी पोस्ट का जिक्र तो नहीं है..:))

अविनाश वाचस्पति said...

सुशांत जी शांत रहिए
अपनी पोस्‍ट से ही पूछ लिया कीजिए
कि उसने किसी को प्रभावित किया है
वैसे यहां आना अच्‍छा है
पर जिस दिन आपका जिक्र आ जाएगा
दीवाना न जाने कहां चला जाएगा
फिर पक्‍का है यहां तो नहीं आएगा

sushant jha said...

परमआदरणीय, प्रात:स्मरणीय वाचस्पतिजी,

लगता है आप मेरी इस टिप्पणी से बहुत आहत हुए कि मैंने अपने पोस्ट के बारे में छपने की कामना क्यों की। वैसे भी मैंने ये बात हास्य के मूड में लिखी थी और मैंने ये संकेत भी अपने वाक्य के अंत में लगा दिया था। आपकी इस टिप्पणी का आशय समझना मेरे जैसे मूढ़मति के लिए मुश्किल है।
सादर...

vandana gupta said...

aap to sagar mein se anmol moti chun laaye hain.