हिन्दी ब्लाग जगत की वे बेहतरीन रचनाएँ जिन्होने मुझे प्रभावित किया-6
- पंकज अवधिया
उफनती कोसी को देख शिवनाथ की यादे: संस्मरण
11 सितम्बर, 2008 को माननीय संजीव तिवारी जी के ब्लाग “आरम्भ” की इस प्रस्तुति मे शिवनाथ नदी की बाढ का बडे ही रोचक ढंग से वर्णन किया गया है। बाढ, इसमे फँसे जीव-जंतुओ की दशा, गाँव वालो का एका, सेना के जवानो का जबरदस्त साहस, स्वयम लेखक की हिम्मत- बाढ की विभीषिका का ऐसा वर्णन मैने पहले कभी नही पढा। संजीव जी लिखते है-
“हमारे साथ चले रहे एक सैनिक नें हमें बतलाया कि कल ऐसा ही एक छोटा चींटी का टीला बचाव दल के नाव से टकरा गया था जिससे करोडों चींटिंयां नाव में आ गई थी, सैनिकों की सहनशक्ति व बहादुरी के कारण नाव डूबते डूबते बची थी उस नाव में सवार पांचों सैनिकों को चीटियों नें जगह जगह काटा है उनका शरीर सूज गया है जिनका कैम्प में इलाज चल रहा है । उसने बतलाया था कि चीटिंयों के बहते ढेर से टकराने के कारण ढेर तुकडों में बंट गया और एक हिस्सा उछलकर नाव में सैनिकों के उपर ही गिरा था, सैनिकों नें अपने आप को संयत रखते हुए शरीर में हलचल नहीं होने दिया जिसके कारण चीटिंया नाव में एक जगह इकत्र हो गई बाद में फावडे से उन्हें पानी में फेंका गया।“
http://aarambha.blogspot.com/2008/09/blog-post.html
भूमिका: हिन्दी ब्लाग परिवार मे शामिल होने के बाद मैने अनगिनत चिठ्ठे पढे और इनमे प्रकाशित विचारो/लेखो/निबन्धो/कहानियो ने मेरे जीवन को बहुत प्रभावित किया। यह मेरा कर्तव्य है कि मै फिर इन खूबसूरत मोतियो को आपके सामने प्रस्तुत करुँ ताकि आप हिन्दी ब्लागरो के अविस्मरणीय योगदान को एक बार फिर से जान सके।
1 comment:
अच्छा सेलेक्शन!!
Post a Comment