हिन्दी ब्लाग जगत की वे बेहतरीन रचनाएँ जिन्होने मुझे प्रभावित किया-5
- पंकज अवधिया
कजरारी आँखे
14 अक्टूबर, 2007 को दुबई की ब्लागर मीनाक्षी जी के ब्लाग “प्रेम ही सत्य है” के माध्यम से की गयी यह प्रस्तुति कम शब्दो मे सब कुछ कह जाती है। इस प्रस्तुति के साथ संलग्न चित्र ने सोने मे सुहागा का काम किया है।
इस प्रस्तुति मे वे लिखती है-
बहुत कुछ कह जाती है कजरारी आँखे
काले बुरके से झाँकती सपनीली आँखे
कभी रेगिस्तान की वीरानगी सी छाती
कभी उन आँखो मे गहरी खामोशी होती
http://meenakshi-meenu.blogspot.com/2007/10/blog-post_14.html
भूमिका: हिन्दी ब्लाग परिवार मे शामिल होने के बाद मैने अनगिनत चिठ्ठे पढे और इनमे प्रकाशित विचारो/लेखो/निबन्धो/कहानियो ने मेरे जीवन को बहुत प्रभावित किया। यह मेरा कर्तव्य है कि मै फिर इन खूबसूरत मोतियो को आपके सामने प्रस्तुत करुँ ताकि आप हिन्दी ब्लागरो के अविस्मरणीय योगदान को एक बार फिर से जान सके।
4 comments:
यह अपने आप में एक अद्भुत रचना रही है.
कोशिश जो है आपकी सचमुच नेक प्रयास।
लेखन मन के भाव पर सुखद लगा एहसास।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
आपसे पूर्णत: सहमत।
पंकजजी, हम सोचते ही रह गए और आपने कर भी दिया...यह आपका बेहतरीन संकलन माना जाएगा...उस यादगार कविता को इस संकलन मे शामिल करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया...
Post a Comment