हिन्दी ब्लाग जगत की वे बेहतरीन रचनाएँ जिन्होने मुझे प्रभावित किया-12
- पंकज अवधिया
26 दिसम्बर की वो सुबह
26 दिसम्बर, 2007 को ममता श्रीवास्तव जी के ब्लाग “ममता टीवी” के माध्यम से की गयी यह प्रस्तुति रोंगटे खडे कर देती है। ममता जी और उनका परिवार अंदमान मे आये भूकम्प और सुनामी के चश्मदीद गवाहो मे शामिल है।
इस प्रस्तुति मे वे लिखती है-
“हम लोग बात कर ही रहे थे कि तभी अचानक दूर से बड़ी ही तेजी से पानी आता दिखाई दिया तब हम लोगों कोें सामने थी जहाँ पानी ही पानी दिख रहा था। और उस पानी मे हमारे पतिदेव ने बिना रोके गाड़ी चलाई और जो १०० मीटर की दूरी सेकेंड्स मे पूरी होती थी उसे पार करने मे लग रहा था कि रास्ता ख़त्म ही नही हो रहा है। माने हमारी गाड़ी कछुए की रफ़्तार से चल रही थी । वो तो भगवान ने बचाया वरना अगर कहीं गाड़ी पानी मे रूक जाती तब तो .... ।“
http://mamtatv.blogspot.com/2007/12/2.html
भूमिका: हिन्दी ब्लाग परिवार मे शामिल होने के बाद मैने अनगिनत चिठ्ठे पढे और इनमे प्रकाशित विचारो/लेखो/निबन्धो/कहानियो ने मेरे जीवन को बहुत प्रभावित किया। यह मेरा कर्तव्य है कि मै फिर इन खूबसूरत मोतियो को आपके सामने प्रस्तुत करुँ ताकि आप हिन्दी ब्लागरो के अविस्मरणीय योगदान को एक बार फिर से जान सके।
2 comments:
उम्दा चयन!!
इतनी व्यस्तता के मध्य आप इतने आलेखों को पढते भी है .. सराहनीय कार्य कर रहे हैं आप !!
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