Monday, September 10, 2007

क्या इसी जहर को अपने बच्चो को भी खिलाते हो

जहरीले रसायन डाल-डाल कर ये किसके लिये
सब्जियाँ उगाते हो ओ युवा किसान भाई
क्या इसी जहर को अपने बच्चो को भी
खिलाते हो ओ युवा किसान भाई

कौन कहता है जहरीले रसायन
अच्छी फसल के लिये जरूरी है
लगता है आपकी जानकारी
कुछ अधूरी है

अपने देशवासियो को रोगग्रस्त कर
भला कैसा सुख पाते हो ओ युवा किसान भाई
जहरीले रसायन डाल-डाल कर ये किसके लिये
सब्जियाँ उगाते हो ओ युवा किसान भाई
क्या इसी जहर को अपने बच्चो को भी
खिलाते हो ओ युवा किसान भाई

अभी भी है गाँव मे
वो बूढे किसान
जिन्हे पता है जैविक खेती के
गुर और ज्ञान

स्वाद और उत्पादन दोनो मिले तो फिर
पुरानी खेती को क्यो नही अपनाते हो ओ युवा किसान भाई
जहरीले रसायन डाल-डाल कर ये किसके लिये
सब्जियाँ उगाते हो ओ युवा किसान भाई
क्या इसी जहर को अपने बच्चो को भी
खिलाते हो ओ युवा किसान भाई

यदि लो मन मे
ठान
तो पल मे बन्द हो जाये
जहरीले रसायनो की दुकान

जानते हो यह सच तो आगे आकर
बीडा क्यो नही उठाते हो ओ युवा किसान भाई
जहरीले रसायन डाल-डाल कर ये किसके लिये
सब्जियाँ उगाते हो ओ युवा किसान भाई
क्या इसी जहर को अपने बच्चो को भी
खिलाते हो ओ युवा किसान भाई

पंकज अवधिया ‘दर्द हिन्दुस्तानी’

(c) सर्वाधिकार सुरक्षित

4 comments:

Udan Tashtari said...

अच्छा प्रश्न.

Gyan Dutt Pandey said...

इस जहर का अर्थ शास्त्र है. यह जहर तो दूध के सिंथिसिस में भी व्याप्त है!

Shastri JC Philip said...

"कौन कहता है जहरीले रसायन
अच्छी फसल के लिये जरूरी है
लगता है आपकी जानकारी
कुछ अधूरी है"

आपने एकदम सही बात कही है. मेरे घर में कई तरह के फल एवं वनस्पति हम उगाते हैं एवं प्राकृतिक द्रव (चाय, नीम का तेल) आदि के अलावा किसी कीटनाशक की जरूरत नहीं पडती है -- शास्त्री जे सी फिलिप

मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,
2020 में 50 लाख, एवं 2025 मे एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार!!

अजित वडनेरकर said...

मैं अज्ञानी था। इस विषय पर भी कविता हो सकती है सोचा न था। पर कविता तो अनुभूति का नाम है। आपके ब्लाग पर पहली बार आया हूं।
अच्छा लगा। बधाई।