Sunday, August 5, 2007

हिन्दुस्तान तो बन जाये पहले

[सन्दर्भ : अनुगूँज 22: हिन्दुस्तान अमरीका बन जाए तो कैसा होगा]

Akshargram Anugunj

इसे कुछ भी बनाने की
कह ले
पर हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान तो
बन जाये पहले

जिस आदर्श देश का सपना
संजोया था
खुशहाली का जो बीज
बोया था

वह तो जरा फूले और फले
इसे कुछ भी बनाने की
कह ले
पर हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान तो
बन जाये पहले

शाँति का पैगाम तो दुनिया को
दिया
पर अपने लिये उसने कुछ न
किया

कब आयेगा वो दिन जब देश
धमाको से न दहले
इसे कुछ भी बनाने की
कह ले
पर हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान तो
बन जाये पहले

इसके लाल इसे छोड
परदेश जा बस रहे
ऐसे उजडते परिवार की व्यथा
क्या कहे

टूट रहे स्वप्न रूपहले
इसे कुछ भी बनाने की
कह ले
पर हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान तो
बन जाये पहले

किसानो की आत्महत्या
भ्रष्टो के वारे-न्यारे
कौन उखाडेगा समाज के खरपतवार
सारे

ठहरे जरा मैली गंगा कुछ साफ
हो कर बह ले
इसे कुछ भी बनाने की कह ले
पर हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान तो
बन जाये पहले

पंकज अवधिया ‘दर्द हिन्दुस्तानी’


(c) सर्वाधिकार सुरक्षित

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4 comments:

36solutions said...

वंदे मातरम !

बधाई !
“आरंभ” संजीव का हिन्‍दी चिट्ठा

dpkraj said...

बहुत बढिया है आपकी रचना
दीपक भारतदीप

Shastri JC Philip said...

एक दम सटीक बात कही आप ने !

Sharma ,Amit said...

Well and correctly said. We need to change ourself first. This is the only way to get our Dream Nation.