Friday, June 13, 2008

क्या आरुषि के पिता की हस्त-रेखाए ऐसी है?

यह प्रश्न है मेरे मित्र अभय का जिन्होने हाल ही मे ब्लागिंग आरम्भ की है। अभय के पास कम्प्यूटर नही है। वे साइबर कैफे से ब्लागिंग करेंगे। ज्योतिष मेरे लिये अबूझ विज्ञान है पर अभय काफी जानकारी रखते है। उनका कहना है कि वे किसी के बारे मे पढ, देख और सुनकर उसके हाथो की रेखाए बना सकते है। मेरी भूमिका परिचय तक है। आप से अनुरोध है कि आप उनके ब्लाग पर जाकर उनकी इस विधा के बारे मे जाने।

रेखा कह देती है सब

http://hast-rekhaa.blogspot.com/2008/06/blog-post.html


अभय से एक अनुरोध

मनुष्य का भविष्य़

बताने वालो

उसे विपत्ति से बचाने के उपाय

सुझाने वालो


जरा इस धरती का भविष्य़

बता दो

निज स्वार्थ मे डूबे मनुष्य के इरादे

जता दो


क्या पहनाऊँ उसे

जो वह न करे बर्बाद इस धरती को

मोती, पन्ना, मूंगा जो भी कहो

पर देखना चाहता हूँ

आबाद इस धरती को

- पंकज अवधिया दर्द हिन्दुस्तानी

2 comments:

Gyan Dutt Pandey said...

दर्द हिन्दुस्तानी का धरती के प्रति दर्द समझ आता है।

Udan Tashtari said...

रचना में पूरा दर्द उमाड़ दिया, बहुत खूब.