मेरी कविता
पंकज अवधिया का हिन्दी ब्लॉग
Saturday, January 19, 2013
दर्द हिन्दुस्तानी उवाच: सुबह- सुबह राजनीति
ये जो सुबह की ताजी हवा है
सारे रोगों की दवा है
जल्द ही पता चलेगा
राहुल आधे है या सवा है
और दावों में कितनी हवा है
पंकज अवधिया "दर्द हिन्दुस्तानी"
सर्वाधिकार सुरक्षित
दर्द हिन्दुस्तानी उवाच: सत्ता की लेई
जब-जब
अपने को सत्ता से चिपकाने
भाजपा ने
बनाई लेई
तब-तब बहुत
याद आये
विवादों से परे बाजपेई
पंकज अवधिया "दर्द हिन्दुस्तानी"
सर्वाधिकार सुरक्षित
दर्द हिन्दुस्तानी उवाच: रायपुर की चुनावी सड़कें
हमने पूछा नेता जी से
ऐन
चुनाव के समय रायपुर की सड़कें बनवाई हैं
क्या वोट देने जाने के लिए
नेता जी बोले
नही
,
सड़के हैं बस
लुभाने के लिए
हमारे कार्यकर्ता हैं न
आप-जैसों के वोट डलवाने के लिए
पंकज अवधिया "दर्द हिन्दुस्तानी"
सर्वाधिकार सुरक्षित
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