पंकज अवधिया का हिन्दी ब्लॉग
गूगल जो तुम न होते मेरे ज्ञान का यूं प्रसार न हो पाता दुनिया के दूर कोने में बैठा अभागा कैंसर से औरो के जैसे हार जाता
यूं समस्याओं से हारकर कीमती जान न दे किसान वरना तेरी मौत भी बन जाएगी राजनीति का सामान। चलो एक और बढ़ा कहकर गिनती करने वालों की फैलेगी मुस्कान।। न पक्ष तेरा न विपक्ष सभी साधेंगे अपना उल्लू और तू होगा परेशान।
यूं समस्याओं से हारकर कीमती जान न दे किसान।