Saturday, November 17, 2007

जलवायु परिवर्तन जाने कब से हो रहा

जलवायु परिवर्तन जाने कब से हो रहा

जलवायु परिवर्तन जाने कब से हो रहा

पर उसकी राजनीति शुरू हुयी है अब

हर दशक नये शब्द, डराने का नया तरीका

बडे देश सुधरेंगे कब


अपना दामन मैला जिन्हे नही दिखता

वो दूसरो को दोषी मानते है

कैसे आम लोगो को बनाये बेवकूफ

यह अच्छे से जानते है


नियमगिरि पर जब खदानो की अनुमति मिलती

या बस्तर की जैव-विविधता पडती जब खतरे मे

तब तो नही होती बात जलवायु परिवर्तन की

मजे करते है विशेषज्ञ एसी कमरे मे


करोडो साल से बन-बिगड रही दुनिया

क्या सौ साल मे ही इतनी बदल गई

ये वैज्ञानिक आँकडे है उनके मतलब के

इस पर छल, नही बात नई


अंग्रेजो ने जब जंगल काटे, सडके बनवायी

तब न हुआ जलवायु परिवर्तन?

जिस घर मे बैठकर यह कविता पढते हो

क्या उसके निर्माण मे नही आहत हुआ प्रकृति का तन?


भारत पर जलवायु परिवर्तन का दोष मढने वाली

समिति का मुखिया भारतीय है

अफसोस है धिक्कार है

बडे देशो को गलत समर्थन निन्दनीय है


जलवायु परिवर्तन की बात तो सब करते पर

इंसानी परिवर्तन की बात कोई न करे

यदि इंसान सुधरे तो सब सुधरे

प्रकृति फिर अपना असली रूप धरे


हम ही करते गलती

जानते हुये सच सब

जलवायु परिवर्तन जाने कब से हो रहा

पर उसकी राजनीति शुरू हुयी है अब

हर दशक नये शब्द, डराने का नया तरीका

बडे देश सुधरेंगे कब

पंकज अवधिया दर्द हिन्दुस्तानी

© सर्वाधिकार सुरक्षित

12 comments:

Sanjeet Tripathi said...

बहुत सही कविता, सटीक भाव!!

खासतौर से यह पंक्ति

"हम ही करते गलती

जानते हुये सच सब"

बढ़िया!!

सवाल यह है कि हम खुद कब सुधरेंगे!!

Gyan Dutt Pandey said...

महत्वपूर्ण लोगों की अति महत्वपूर्ण दूकानदारी पर चोट करती कविता।
और यह सही है - मूल समाधान चरित्र परिवर्तन में है।

यही हाल शिक्षा में है। सारे नेता अपने बच्चों को अंग्रेजी में पढ़ायेंगे पर राजनीति हिन्दी माध्यम से शिक्षा पर करेंगे!

पुनीत ओमर said...

kafi dino se apki khas shaili ki kavitaye padh raha tha par aaj raha na gaya aaj apko badhai dene se. kavita ki adhik samajh na hone ki wajah se bana nahi ki kya kahu aapse.

मीनाक्षी said...

यदि इंसान सुधरे तो सब सुधरे

प्रकृति फिर अपना असली रूप धरे

शत प्रतिशत सत्य वचन... !

Unknown said...

पंकज अवधिया सर ने जो पंक्ति लिखी है जलवायु से संबंधित वह बहुत ही अच्छी है जिसकी कोई तुलना नहीं कर सकता

Anonymous said...

Awesome poem

Anonymous said...

Awesome poem

Unknown said...

Awesome poem

Anuradha chauhan said...

बहुत सुंदर रचना
कृपया मेरे ब्लॉग पर मेरी रचनाओं को भी पढ़ें
https://poetrybyanuradha.blogspot.com/?m=1

सुशील कुमार जोशी said...

सुन्दर

Onkar said...

बहुत खूब

Sudha Devrani said...

बहुत ही लाजवाब...
वाह!!!