Tuesday, November 27, 2007

हल्दी से दाँतो की देखभाल आज पढे ज्ञान जी के चिठ्ठे पर

हल्दी से दाँतो की देखभाल आज पढे ज्ञान जी के चिठ्ठे पर

कैसे हल्दी के साधारण प्रयोग से दंत और मुख रोगो से बचा जा सकता है- इस विषय पर जानकारी के लिये आज ज्ञान जी के चिठ्ठे पर पधारे और लाभ प्राप्त करे।

http://hgdp.blogspot.com/2007/11/blog-post_28.html

Thursday, November 22, 2007

वर्ष 1998 मे अंतरजाल पर भारतीय भाषाओ मे वनस्पतियो के नाम पर तैयार किये गये दस्तावेज

वर्ष 1998 मे अंतरजाल पर भारतीय भाषाओ मे वनस्पतियो के नाम पर तैयार किये गये दस्तावेज

बहुत पहले वर्ष 1998 मे जब वर्तमान हिन्दी चिठ्ठाजगत उतना अधिक सक्रिय नही था तब मैने आस्ट्रेलिया के एक प्रोजेक्ट के लिये कुछ भारतीय वनस्पतियो के विभिन्न भाषाओ मे नाम उपलब्ध करवाये थे। उस समय कम्प्यूटर से टाइप करके दस्तावेजो को डाक से आस्ट्रेलिया भेजना पडता था फिर वहाँ इसे स्कैन करके वेबसाइट पर डाला जाता था। बडा ही धीमा कार्य था। आज सब कुछ इतना आसान हो जाने के कारण हम इसका महत्व न समझ पाये पर मुझे लगा कि आप सब को इसके विषय मे बताया जाये। नीचे कडियो मे इस प्रोजेक्ट मे मेरे योगदान की कडियाँ देख सकते है। दूसरी कडी को खोलने के बाद आराम से नीचे तक सरकाये तब मेहनत को जान पायेंगे।

http://www.googlesyndicatedsearch.com/u/unimelb?q=oudhia&hl=en&domains=unimelb.edu.au&sitesearch=unimelb.edu.au&ie=UTF-8&start=0&sa=N

http://www.plantnames.unimelb.edu.au/Sorting/Ficus.html

http://www.plantnames.unimelb.edu.au/Sorting/Frontpage.html

Saturday, November 17, 2007

जलवायु परिवर्तन जाने कब से हो रहा

जलवायु परिवर्तन जाने कब से हो रहा

जलवायु परिवर्तन जाने कब से हो रहा

पर उसकी राजनीति शुरू हुयी है अब

हर दशक नये शब्द, डराने का नया तरीका

बडे देश सुधरेंगे कब


अपना दामन मैला जिन्हे नही दिखता

वो दूसरो को दोषी मानते है

कैसे आम लोगो को बनाये बेवकूफ

यह अच्छे से जानते है


नियमगिरि पर जब खदानो की अनुमति मिलती

या बस्तर की जैव-विविधता पडती जब खतरे मे

तब तो नही होती बात जलवायु परिवर्तन की

मजे करते है विशेषज्ञ एसी कमरे मे


करोडो साल से बन-बिगड रही दुनिया

क्या सौ साल मे ही इतनी बदल गई

ये वैज्ञानिक आँकडे है उनके मतलब के

इस पर छल, नही बात नई


अंग्रेजो ने जब जंगल काटे, सडके बनवायी

तब न हुआ जलवायु परिवर्तन?

जिस घर मे बैठकर यह कविता पढते हो

क्या उसके निर्माण मे नही आहत हुआ प्रकृति का तन?


भारत पर जलवायु परिवर्तन का दोष मढने वाली

समिति का मुखिया भारतीय है

अफसोस है धिक्कार है

बडे देशो को गलत समर्थन निन्दनीय है


जलवायु परिवर्तन की बात तो सब करते पर

इंसानी परिवर्तन की बात कोई न करे

यदि इंसान सुधरे तो सब सुधरे

प्रकृति फिर अपना असली रूप धरे


हम ही करते गलती

जानते हुये सच सब

जलवायु परिवर्तन जाने कब से हो रहा

पर उसकी राजनीति शुरू हुयी है अब

हर दशक नये शब्द, डराने का नया तरीका

बडे देश सुधरेंगे कब

पंकज अवधिया दर्द हिन्दुस्तानी

© सर्वाधिकार सुरक्षित

Monday, November 12, 2007

क्यो बात-बात पर पर्यावरण सुरक्षा की बात करते हो

क्यो बात-बात पर पर्यावरण सुरक्षा की बात करते हो

अनंत पेडो को काटकर

कागज बनाते

फिर उसी पर लेख छाप

पेडो का महत्व बताते


क्यो ऐसा दोहरा चरित्र धरते हो

क्यो बात-बात पर

पर्यावरण सुरक्षा की बात करते हो


सब कुछ भूलकर दीपावली पर

करोडो का शोर फैलाते

घर जंगल ही नही फेफडे भी

धुए से भर जाते


बूढो से लेकर रोगियो का चैन हरते हो

क्यो बात-बात पर

पर्यावरण सुरक्षा की बात करते हो


अपनी करतूतो को छिपा

इसे दुनिया के मौसम का बदलाव बताते

बडे सम्मेलन कर

बचाव के उपाय सुझाते


थोडी तरक्की मे बल पर क्यो

विधाता होने का दम्भ भरते हो

क्यो बात-बात पर

पर्यावरण सुरक्षा की बात करते हो


जंगलो को काटकर घर बनाते

फिर कारखानो से प्रदूषण उगलवाते

रसायन डालकर फसल उगाते

फिर अपने वाहन के लिये जहर फैलाते


विविधता की बात करते पर धरती पर

अकेले ही पसरते हो

क्यो बात-बात पर

पर्यावरण सुरक्षा की बात करते हो

पंकज अवधिया दर्द हिन्दुस्तानी

© सर्वाधिकार सुरक्षित

Thursday, November 1, 2007

छत्तीसगढी-अंग्रेजी तकनीकी शब्दकोष

पिछले कुछ वर्षो से छत्तीसगढी-अंग्रेजी तकनीकी शब्दकोष के विकास मे लगा हूँ। इसका कुछ भाग अंतर जाल पर उपलब्ध है। इस दुस्साहस के लिये क्षमाप्रार्थी हूँ क्योकि परम्परा के अनुसार स्थापित भाषा विशेषज्ञ ही यह कार्य करते है फिर उन्हे बडे सम्मानो से नवाजा जाता है। यह शब्दकोष अपने आप मे अनूठा इसलिये है कि इसमे विषय पर ढेरो छायाचित्र भी उपलब्ध है। जैसे भर्री शब्द ही ले। इसका तकनीकी अर्थ अंग्रेजी मे तो उपलब्ध है ही साथ मे यदि आप कैमरे के निशान को क्लिक करेंगे तो आपको भर्री के 35 रंगीन चित्र भी दिखाई पडेंगे।

http://ecoport.org/ep?searchType=glossaryShow&glossaryId=61811&viewType=F

इसके अलावा where used वाली चाबी दबाने पर भर्री पर केन्द्रित शोध आलेख भी पढने को मिलेंगे। ऐसे ही बियारा शब्द मे आपको उसके 27 चित्र दिखेंगे।

http://ecoport.org/ep?searchType=glossaryShow&glossaryId=61410&viewType=F

दातौन शब्द मे तो ढेरो चित्र के अलावा दसो लेख पढने मिलेंगे।

http://ecoport.org/ep?searchType=glossaryShow&glossaryId=61631&viewType=F

इस शब्दकोष मे पारम्परिक व्यंजनो की जानकारी भी उपलब्ध है। जैसे आम से बनने वाले गुराम को ही ले।

http://ecoport.org/ep?searchType=glossaryShow&glossaryId=61849&viewType=F

या फिर खुरमी को देखे

http://ecoport.org/ep?searchType=glossaryShow&glossaryId=61579&viewType=F

इसमे उतेरा जैसे खेती से सम्बन्धित शब्द भी है।

http://ecoport.org/ep?searchType=glossaryShow&glossaryId=61813&viewType=F

सम्भवत: इस तरह के शब्दकोष बहुत ही कम देखने मे आते है पर ये बडे उपयोगी और रोचक होते है। मैने अब तक 2000 शब्दो के विषय मे लिखा है और आने वाले समय मे इन्हे आप इस साइट पर देख सकेंगे। आज राज्य का स्थापना दिवस है। मुझे लगा आज इस अवसर पर यह जानकारी आपसे बाँटनी चाहिये।